شرح ثمیری شرح اردو قدوری جلد 2 - یونیکوڈ |
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ھلک بعض المبیع جازت الاقالة فی باقیہ۔ نوٹ اگر دونوں طرف سامان ہی تھا مثلا مبیع گیہوں اور ثمن میں جو تھا تو چونکہ دونوں مبیع بن سکتے ہیں ۔اور دونوں متعین ہوتے ہیں اس لئے اگر مبیع مثلا گیہوں ہلاک ہو گیا تو جو مبیع بن سکتا ہے اس لئے اس صورت میں بھی اقالہ صحیح ہو سکے گا۔
ﻧﻤﺒﺮ | ﻣﻀﻤﻮﻥ | ﺻﻔﺤﮧ | ﻭاﻟﺪ |
---|---|---|---|
1 | فہرست | 1 | 0 |
2 | ( کتاب البیوع ) | 9 | 1 |
3 | ( باب خیار الشرط) | 27 | 2 |
4 | ( باب خیار الرؤیة ) | 33 | 2 |
5 | ( باب خیار العیب ) | 39 | 2 |
6 | ( باب البیع الفاسد ) | 48 | 2 |
7 | ( باب الاقالة ) | 66 | 2 |
8 | ( باب المرابحة والتولیة ) | 69 | 2 |
9 | ( باب الربوا ) | 77 | 2 |
10 | ( باب السلم ) | 89 | 2 |
11 | ( باب الصرف ) | 103 | 2 |
12 | ( کتاب الرھن ) | 115 | 1 |
13 | ( کتاب الحجر ) | 137 | 1 |
14 | ( کتاب الاقرار) | 158 | 1 |
15 | ( کتاب الاجارة ) | 182 | 1 |
16 | ( کتاب الشفعة ) | 223 | 1 |
17 | ( کتاب الشرکة ) | 250 | 1 |
18 | ( کتاب المضاربة ) | 267 | 1 |
19 | ( کتاب الوکالة ) | 280 | 1 |
20 | ( کتاب الکفالة ) | 304 | 1 |
21 | ( کتاب الحوالة ) | 322 | 1 |
22 | ( کتاب الصلح ) | 327 | 1 |
23 | ( کتاب الھبة ) | 344 | 1 |
24 | ( کتاب الوقف ) | 364 | 1 |
25 | ( کتاب الغصب ) | 377 | 1 |
26 | ( کتاب الودیعة ) | 391 | 1 |
27 | ( کتاب العاریة ) | 399 | 1 |
28 | ( کتاب اللقیط ) | 405 | 1 |
29 | ( کتاب اللقطة ) | 409 | 28 |
30 | ( کتاب الخنثی ) | 418 | 1 |
31 | ( کتاب المفقود ) | 425 | 1 |
32 | ( کتاب الاباق ) | 428 | 1 |
33 | ( کتاب احیاء الموات ) | 430 | 1 |
34 | ( کتاب الماذون ) | 437 | 1 |
35 | (کتاب المزارعة ) | 446 | 1 |